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जी-20 देशों के डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई। इस पर रोक के लिए सभी सदस्य देशों के बीच वैश्विक स्तर पर एक कॉमन कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (नियंत्रण केंद्र) बनाने पर सैद्धांतिक सहमति बनी। इसके तहत सदस्य देश एक दूसरे को साइबर व वायरस हमले की सूचना देने के साथ उससे बचाव के लिए भी सतर्क करेंगे।
राजधानी में जी-20 देशों की तीन दिनों तक चली बैठक के अंतिम दिन बुधवार को सामने आया कि डिजिटल इकॉनमी का प्रचलन बढ़ने के साथ साइबर अपराध भी बढ़ता जा रहा है। सभी देशों के प्रतिनिधियों ने माना कि साइबर सुरक्षा पर बड़ा काम होना चाहिए। कहा गया कि कॉमन कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाने से पता चल सकेगा कि साइबर अपराध के लिए कौन जिम्मेदार है? केंद्र के संचालन के लिए देश आपसी सहयोग और समन्वय करेंगे। इससे डाटा लीकेज व साइबर धोखाधड़ी भी रुकेगी।
मौके पर साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि जी-20 समिट की मेजबानी के साथ ही भारत ने डिजिटल सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अलकेश शर्मा ने कहा कि सदस्यों देशों के प्रतिनिधियों ने माना है कि जैसे-जैसे डिजिटलीकरण बढ़ेगा वैसे-वैसे साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाना होगा। वर्किंग ग्रुप की आगामी तीन बैठकों में इस पर आगे की रणनीति बनेगी। साइबर सुरक्षा के अनुबंध पर आगामी बैठकों में निर्णय होगा।
प्रत्येक स्तर पर प्रशिक्षण
साइबर अपराध रोकने के लिए प्रत्येक स्तर पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें सोशल मीडिया के जरिए भी जागरूक किया जाएगा।
आधार, डीजी लॉकर भी अपनाएंगे सदस्य देश
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत भारत में लागू आधार कार्ड, यूपीआई, डिजीलॉकर, ई-संजीवनी आदि अपनाने पर सदस्य देश सहमति हुए। फिलिपींस ने आधार कार्ड, फ्रांस ने यूपीआई अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है। कई देशों ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर अलग से बैठक करने पर बात की है। सदस्य देशों ने माना कि भारत में पिछले आठ वर्षों में डिजिटल इंफ्रास्क्ट्रचर पर विश्व में सबसे अधिक काम हुआ है। यह काम अपेक्षाकृत कम कीमत पर, पीपीपी मॉडल पर हुआ है। यदि किसी दूसरे देश में सामान्य गति से भी यह काम होते तो उसमें 40 वर्ष लग जाते।
मेहमानों ने व्यवस्थाओं और स्वागत को सराहा
जी-20 की बैठक में शामिल होने आए 30 से अधिक देशों के मेहमानों ने प्रदेश सरकार की ओर से की गई मेहमाननवाजी की मुक्तकंठ से तारीफ की। करीब 20-30 साल बाद यूपी आए मेहमानों ने कहा ‘अद्भुत’ है लखनऊ। विदेशी प्रतिनिधियों ने खुले मन से कहा कि लखनऊ में बैठक की व्यवस्था और स्वागत सत्कार का जो मानक तय है वह दूसरे देशों के लिए मिसाल होगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अलकेश शर्मा ने कहा राज्य सरकार ने बेहतरीन व्यवस्थाएं कीं। विदेशी मेहमान शहर का बड़ा अच्छा अनुभव लेकर गए हैं। मेहमानों ने यूपी के हैंडीक्राफ्ट और पर्यटन की क्षमता को समझा है। बैठक पर्यटन प्रोत्साहन का अच्छा माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ में एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल और शहर के सभी प्रमुख मार्गों की सजावट देखने लायक रही। सड़कें साफ सुधरी दिखीं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा, मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब सहित व्यवस्थाओं में लगे अन्य अधिकारियों का आभार जताया।