
सीतापुर में शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा।
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88 हजार ऋषि-मुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य से मंगलवार ब्रम्ह मुहूर्त में डंका बजते ही प्रसिद्ध 84 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ हो गया। ढोल मंजीरे की करताल ध्वनि के बीच जय श्रीराम के उद्घोष के बीच बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी आस्था से सराबोर नजर आए। परिक्रमा पथ पर श्रद्धा और परंपरा का अद्भुत संगम अलौकिक व अविस्मरणीय छटा बिखेर रहा है।
मंगलवार की ब्रम्ह बेला में नैमिषारण्य के ललिता देवी चौराहे से पहला महंत के डंका बजाते ही रामादल 84 कोसी परिक्रमा पर चल पड़ा। परिक्रमा का शुभारंभ होने पर एसडीएम मिश्रिख अनिल कुमार व अन्य अफसरों ने साधु संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की।
आस्था की डगर पर हजारों की संख्या में मौजूद भक्त सीताराम-सीताराम का जय घोष करते हुए पहले पड़ाव कोरौना की तरफ रवाना हो गए। परिक्रमा पथ पर कोई हाथी, घोड़े, पालकी व ऊंट पर सवार नजर आया तो तमाम श्रद्धालु पैदल ही भजन कीर्तन करते हुए आगे बढ़े चले जा रहे हैं। इस परिक्रमा में कुल 11 पड़ाव हैं।
मंगलवार दोपहर बाद परिक्रमा अपने पहले पड़ाव कोरौना पंहुचेगी। फाल्गुन मास की प्रतिपदा से शुरू होने वाली इस 84 कोसी परिक्रमा का समापन अंतिम पड़ाव मिश्रिख पहुंच कर पूर्णिमा को होगा। श्रद्धालुओ की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन व पुलिस की टीमें लगाई गई हैं।