
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : फाइल फोटो
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प्रदेश में अभी गर्मी ने ही दस्तक दी है, लेकिन राहत विभाग ने मानसून के दौरान बाढ़ और अतिवृष्टि से बचाव के लिए योजना तैयार कर उसे धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है। बाढ़ और अतिवृष्टि की आशंका से दो घंटे पहले क्षेत्र की जनता, प्रशासन, पुलिस और राहत कर्मियों को सतर्क किया जाएगा।
राहत विभाग की ओर से सभी जिलों मे बाढ़ बचाव कार्य के लिए एडीएम स्तर के अधिकारियों का प्रशिक्षण कराया गया है। प्रदेश में बाढ़ की आशंका वाले सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों का डाटा डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया गया है। कौन-कौन से गांव और शहर बाढ़ या अतिवृष्टि से प्रभावित हो सकते हैं, उन गांवों या शहरों में पहले कब बाढ़ आई, वहां बाढ़ की संवेदनशीलता कितनी रहती है और क्षेत्र के आसपास कौन कौन से कार्मिक तैनात हैं इसका डाटा ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। सभी जिलों में एक आपदा विशेषज्ञ की तैनाती की गई है। ये विशेषज्ञ जिलों में बाढ़ और अतिवृष्टि से लोगों को जागरूक करने के साथ राहत कार्य भी संचालित कराएंगे।