
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
– फोटो : amar ujala
विस्तार
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर पर शिकंजा कसा जाए। मुखबिर योजना प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पा रही है। अधिकारी इसे गंभीरता से लें। ताकि, गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता लगाने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर व संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सभी 75 जिलों के सीएमओ को ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लिंग की जांच करने वाले सेंटरों का पता बताने वाले लोगों को मुखबिर योजना का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत मुखबिर योजना के लिए पर्याप्त बजट जारी किया गया है। प्रदेश में इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाना चाहिए। गर्भस्थ शिशु के लिंग की पहचान करना अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। मुखबिरों को 40 हजार रुपये से लेकर 60 हजार रुपये तक पुरस्कार तक का प्रावधान है। निरीक्षण के समय यदि नियमों की अनदेखी मिलती है तो ऐसी दशा में केंद्र की सभी अल्ट्रासाउंड व गर्भधारण पूर्व अथवा प्रसव पूर्व लिंग की पहचान करने वाली सभी मशीनों को सील व सुबूतों को मूल रूप में जब्त किया जाए।