मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

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प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) योजना के तहत लखनऊ-हरदोई की सीमा पर 1200 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मॉडल पर टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा। टेक्सटाइल पार्क में करीब दस हजार से अधिक लोगों प्रत्यक्ष और करीब इतने ही लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को टेक्सटाइल पार्क के लिए लखनऊ और हरदोई जिले की कुल 1000 एकड़ भूमि निशुल्क हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव मंजूरी दे दी।

कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया को बताया कि  केंद्र सरकार केवस्त्र मंत्रालय के सहयोग से देश में सात पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) पार्क की स्थापना की जानी है। प्रदेश में हरदोई और लखनऊ के बीच पीएम मित्र पार्क के लिए जमीन चिह्नित की गई है। यह भूमि हरदोई के गांव आंटगड़ी सौरा, अटारी, रूदानखेड़ा, विशुनपुर, जिंदाना, पारा भदराही, सालेहनगर और शाहमऊ और लखनऊ की मलिहाबाद तहसील के गांवों की जमीन ली जाएगी। हरदोई जिले की 259.09 एकड़ और लखनऊ की 903.07 एकड़ सहित कुल 1162.16 एकड़ भूमि है। इसमें से 1000 एकड़ भूमि निशुल्क हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग को हस्तांतरित की जाएगी। सैनिक कल्याण एवं पुनर्र्वास बोर्ड के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था विभाग की ओर से की जाएगी।

संत कबीर के नाम पर गठित होगी एसपीवी

टेक्सटाइल पार्क के लिए संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क लिमिटेड के नाम से स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया जाएगा। इसके लिए दस करोड़ रुपये की व्यवस्था की जानी है। इसमें 51 प्रतिशत यूपी सरकार और 49 प्रतिशत भारत सरकार की हिस्सेदारी होगी। एसपीवी का गठन कंपनी एक्ट 2013 के तहत होगा। एसपीवी का गठन कर उसे भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। उसके बाद मास्टर विकासकर्ता का चयन कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

एसपीवी में केंद्र सरकार और यूपी सरकार के प्रतिनिधि नियुक्त किए जाएंगे। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव को एसपीवी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सचिव इसके अध्यक्ष होंगे। एसपीवी आवश्यकता के अनुसार तकनीकी अध्ययन के लिए, डीपीआर बनाने के लिए, तकनीकी और आर्थिक औचित्य की रिपोर्ट तैयार करने, पर्यावरण पर प्रभाव, पर्यावरण संरक्षण की एनओसी के लिए सलाहकार या एजेंसी चयन कर सकेगा। एसपीवी की ओर से परियोजना का संचालन पीपीपी मोड पर डिजाइन, बिल्ट, फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) के आधार पर किया जाएगा।



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