पीजीआई

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– फोटो : amar ujala

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एसजीपीजीआई में इस साल नेत्र बैंक शुरू हो जाएगा। इससे यहां नेत्रदान, कॉर्निया प्रत्यारोपण के साथ इससे जुड़ी बीमारियों का इलाज भी हो सकेगा। अभी तक केजीएमयू में ही यह सुविधा है। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि नेत्र रोग विभाग में जल्द आई बैंक स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा काली पुतली, कॉर्निया संबंधित रोग, कॉर्निया ट्रांसप्लांट, काला मोतिया की लेजर व माक्रोइनवेसिव ग्लूकोमा सर्जरी को और आधुनिक बनाया जाएगा। आंख के ट्यूमर व कैंसर के मरीजों को इलाज मिलेगा।

एसजीपीजीआई को नेशनल मेडिकल कांउसिल की ओर से ऑप्थल्मोलॉजी में एमएस कोर्स की पढ़ाई के लिए मान्यता मिली है, जिससे नेत्र सर्जन तैयार हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि यहां कॉर्निया प्रत्यारोपण बढ़ाने के लिए नेत्र बैंक स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।

पीडियाट्रिक सेंटर में सभी मर्ज का एक छत के नीचे इलाज

संस्थान में बच्चों के लिए पीडियाट्रिक सेंटर भी बनना है। इसमें बच्चों की सभी बीमारियों का इलाज एक ही भवन में मिल सकेगा। साथ ही पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी की स्थापना भी की जाएगी। इससे बच्चों की रेटिना संबंधी बीमारी, भेंगापन, ऑप्टिक नर्व आदि बीमारियों का और बेहतर तरीके से इलाज हो सकेगा।



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