लखनऊ। ओवरलोड वाहनों को शहर से पास कराने वाले गिरोह का सरगना सतीश सोनी खनन माफिया का करीबी है। उसकी कई खनन माफिया व ट्रांसपोर्टरों से गहरी सांठगांठ है। खनन माफिया के ही मौरंग, बालू, मिट्टी व गिट्टी भरे ट्रक व डंपर गिरोह पास करवाता था और ज्यादातर पेटीएम के जरिये पैसे लेता था। एसटीएफ की शुरुआती जांच में ये सभी तथ्य सामने आने के बाद खनन माफिया भी रडार पर आ गए हैं।
एसटीएफ ने सोमवार को बिहार निवासी सतीश सोनी व उसके गिरोह के मुकुल मालरा, विशाल गौतम और राहुल कुमार चौहान को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ था कि सतीश गैंग बनाकर ओवरलोड वाहनों को पास कराने का ठेका लेता है। गिरोह में कई और भी लोग शामिल हैं। ये सभी रात-रात भर आरटीओ की टीम की लोकेशन लेकर ट्रांसपोर्टरों को देते थे, जहां चेकिंग नहीं होती थी वहां से ओवरलोड वाहन पास करवाते थे। एक वाहन पास कराने के लिए प्रति महीना पांच हजार रुपये वसूलता था। एसटीएफ ने सतीश से जब पूछताछ की और उसका मोबाइल खंगाला तो राज खुलते गए। सतीश 20 से अधिक बड़े खनन माफिया का खास है। वह उनके वाहन पास कराने का ठेका लेता था। सभी के मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप चैट आदि एसटीएफ को मिली हैं। एसटीएफ ये भी पता कर रही है कि कहीं आरटीओ के कर्मचारियों से भी तो गिरोह का नहीं है।
तय तारीख पर हिसाब, नहीं तो वाहन सीज
सरगना सतीश सोनी ने वसूली की तारीख तय कर रखी थी। तय समय पर उसके पेटीएम खाते पर रकम पहुंच जाती थी। एसटीएफ के मुताबिक जब भी कोई ट्रांसपोर्टर या खनन माफिया पैसे देने में देरी करता था तो वह उसकी गाड़ियां आरटीओ से पकड़वा देता था। इस पर ट्रांसपोर्टर खुद ही सतीश से संपर्क कर पैसे दे देेते थे। एसटीएफ ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ब्योरा भी जुटाया है।
10 साल से चला रहा था गिरोह
एसटीएफ ने आरोपियों से कई घंटे पूछताछ की। सतीश ने बताया कि गैंग के जो सदस्य आरटीओ की लोकेशन देते थे उनको वह एक रात का 200-300 रुपये देता था। पिछले 10 साल से वह गिरोह चला रहा था। गिरफ्तार किए गए आरोपी मंगलवार को कोर्ट में पेश किए गए, जहां से जेल भेज दिए गए।
इनकी हुई थी गिरफ्तारी :
– सतीश कुमार सोनी, चंपारण बिहार (वर्तमान पता: विभूतिखंड)
– मुकुल मालरा, पिथौरागढ़, उत्तराखंड (वर्तमान पता: ग्वारी गांव गोमतीनगर)
– विशाल गौतम, बाराबंकी (वर्तमान पता: सेक्टर सी, जानकीपुरम)
– राहुल कुमार चौहान, बहराइच (वर्तमान पता: तकरोही)