
ठेकेदार भाइयों के हत्यारों को उम्रकैद। (फोटो ः प्रतीकात्मक)
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मंडी परिषद कार्यालय में 27 साल पहले हुई दो ठेकेदार भाइयों की हत्या के मामले में दोषी मिंटू दास और अनिल रॉबर्ट को एडीजे गौरव कुमार की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
कोर्ट में अभियोजन की तरफ से मौजूद एडीजीसी अशोक त्रिपाठी और आशुतोष बाजपेई ने बताया कि वादी अनिल कुमार सिंह ने हसनगंज में दो जनवरी 1996 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसमें बताया गया, उनका भाई वीके सिंह मंडी परिषद का पंजीकृत ठेकेदार था। वह अपने भाई महेंद्र प्रताप सिंह के साथ ठेके के संबंध में बात करने के लिए निरालानगर स्थित मंडी परिषद के कार्यालय गया था।
काम निपटाने के बाद बाहर निकलते ही दोनों दोेषियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर वादी के दोनों भाइयों की हत्या कर दी थी।
कोर्ट ने 15 फरवरी को दोनों को हत्या का दोषी करार देते हुए सजा के एलान के लिए 17 फरवरी की तिथि तय की थी। मामले के अन्य आरोपियों के फरार हो जाने के कारण उनका विचारण नहीं हो सका।
गैर इरादतन हत्या में चार को दस साल की जेल
बहन से रिश्ता करने के बहाने बुलाकर युवक को पीटने और गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी बृजेश रावत, विजय, राजेंद्र एवं बऊवा को कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। एडीजे पुष्कर उपाध्याय की कोर्ट ने यह आदेश देते हुए 11-11 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की तरफ से कृष्ण कुमार साहू ने बताया कि मामले की रिपोर्ट वादी कमलेंद्र सिंह ने 16 मार्च 2011 को थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि वादी के साले रवि कुमार को आरोपी बृजेश, विजय, राजेंद्र और बउवा ने 14 मार्च 2011 की शाम अपनी बहन से शादी की बात करने के लिए बुलाकर कर पीटा। ट्रॉमा में रवि की मौत हो गई थी।