
डॉक्टर ही बनना चाहती थी मृणाल, नहीं था पढ़ाई का दबाव।
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एमबीबीएस की छात्रा मृणाल सिंह (23) के खुदकुशी करने के मामले में उसके पिता ने शनिवार को कुछ तथ्यों का जिक्र कर सवाल उठाए। दावा किया कि बेटी पढ़ाई के दबाव में नहीं थी।
वह मन से ही एमबीबीएस कर रही थी। इसलिए कथित सुसाइड नोट का तर्क गले नहीं उतर रहा है। पुलिस ने सिर्फ सुसाइड नोट के बारे में मौखिक जानकारी ही दी।
आखिर वह नोट दिखाया क्यों नहीं? वह खुदकुशी की असल वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। पटना निवासी मृणाल सरोजनीनगर स्थित टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थीं।
शुक्रवार को क्लास के बाद 9वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। मां साथ में किराये के मकान में रहती हैं।
पुलिस ने बताया कि था कि सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है…सॉरी पापा मैं एमबीबीएस नहीं बन पाई। कौशल किशोर का दावा है कि बेटी खुद से ही मेडिकल पढ़ाई करने के लिए उत्सुक थी।
कोटा में कोचिंग कर प्रतियोगी परीक्षा पास की थी। दबाव जैसी स्थिति होती तो वह दाखिला ही क्यों लेती। फिलहाल अंतिम संस्कार के बाद परिजन पटना लौट गए, लेकिन जल्द ही वापस आकर पुलिस अफसरों से मिलकर जांच की मांग करेंगे।
9वीं तक टॉपर रही, 10वीं में थे 93 फीसदी अंक
कौशल ने बताया कि बेटी मृणाल 9वीं कक्षा तक टॉपर थी। 10वीं बोर्ड परीक्षा में 93 फीसदी अंक हासिल किए थे। 12वीं में 91 फीसदी अंक थे। मेडिकल की पढ़ाई में रुचि थी। इसलिए कोचिंग कराई। एमबीबीएस में दाखिले के बाद एजुकेशन लोन भी कराया था। विश्वास नहीं हो रहा है कि मृणाल खुदकुशी कर सकती है।
छात्रा के पिता व परिजनों से बातचीत की गई है। फिलहाल वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। अगर प्रार्थना पत्र देंगे तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
– राहुल राज, डीसीपी साउथ