केजीएमयू में अब पीएचडी दाखिले के लिए सभी अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा देनी पड़ सकती है। केजीएमयू के नए ऑर्डिनेंस में इसकी व्यवस्था की जा रही है। अभी तक केजीएमयू में जेआरएफ और अन्य किसी स्रोत से फेलोशिप पाने वाले अभ्यर्थियों को सीधे दाखिला मिल जाता था। 55 फीसदी से ज्यादा नंबर के साथ पीजी करने वाले अभ्यर्थियों को ही प्रवेश परीक्षा देनी होती थी। नए ऑर्डिनेंस में अब सभी को प्रवेश परीक्षा देनी होगी। इसके साथ ही कई अन्य बदलाव हो रहे हैं।

केजीएमयू में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ ही यूजीसी के भी कुछ प्रावधान लागू होते हैं। यूजीसी के प्रावधानों के अनुसार पीएचडी दाखिले में तीन अहम शर्तें तय की गई हैं, इसके अनुसार दाखिले के लिए केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षा, प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थी को न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाने की अनिवार्यता तथा प्रवेश परीक्षा के साथ ही साक्षात्कार की व्यवस्था होगी। ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने इसके हिसाब से ही अपना ऑर्डिनेंस तैयार किया है। अब केजीएमयू भी यूजीसी के निर्देशों के अनुसार अपना नया आर्डिनेंस तैयार कर रहा है। विवि चिकित्सा संस्थान के हिसाब से कुछ अहम बदलाव भी करेगा। इसके लिए डीन रिसर्च प्रो. शैली अवस्थी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है जो प्रस्तावित आर्डिनेंस को एकेडमिक काउंसिल के सामने पेश करेगी। कार्य परिषद से मुहर लगने के बाद इसके हिसाब से दाखिले होंगे।

मानकों का ध्यान रखेंगे

केजीएमयू में पीएचडी नया ऑर्डिनेंस तैयार किया जा रहा है। इससे यूजीसी के साथ ही चिकित्सा आयोग के मानकों को भी ध्यान में रखा जाएगा। अगले दाखिले इसी आधार पर करने की तैयारी है।

– ले. जनरल डॉ. बिपिन पुरी, कुलपति केजीएमयू



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published.