लखनऊ। जानकीपुरम सेक्टर-जे स्थित आश्रयहीन कॉलोनी में बीते शनिवार को एक घंटे के अंतराल में दो शव जला दिए गए। इससे उठे धुएं के कारण पास के घर की महिला बेहोश हो गई। कॉलोनी के लोगोें ने शव जलाने का विरोध किया तो ग्रामीणों ने जानमाल की धमकी दी। कॉलोनी वालों ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से की है। उधर, एलडीए की लापरवाही के कारण इस विवादित मसले का हल नहीं निकल पा रहा है।

कॉलोनी के बृजेश कुमार गुप्ता ने रविवार को बताया कि एलडीए को कई बार पत्र देकर कॉलोनी के घरों के पास शव जलाने से रोके जाने और कथित श्मशान को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। बीते शनिवार को दोपहर तीन से चार बजे के बीच दो शवों को घराें से महज 10 मीटर दूर जला दिया गया। इसके धुएं से बृजेश की पत्नी बेहोश हो गई। धुएं एवं शव के जलने की बदबू से कॉलोनी के 70 घरों के 250 लोगों को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। रविवार को एक अन्य शव को जमीन में दफनाया गया। एलडीए में सुनवाई न होने पर मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। बताया कि ग्रामीणों से मिली जानमाल की धमकी की शिकायत लेकर जब गुडंबा पुलिस के पास पहुंचे तो उसने एलडीए से कोई आदेश न होने के कारण कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ लिया।



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