केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल में नया इतिहास रचा गया है। यहां पर एक ही शिफ्ट में सिजेरियन डिलीवरी और दिल की सर्जरी की गई। केजीएमयू प्रशासन के अनुसार अभी तक प्रदेश में इस प्रकार का मामला संज्ञान में नहीं आया है। ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

क्वीन मेरी अस्पताल की प्रो. सुजाता देव ने बताया कि उत्तराखंड निवासी 27 वर्षीय आशा पिखावा को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। नौ महीने का गर्भ होने के साथ ही वह दिल की गंभीर बीमारी सुपर वैस्कुलर क्रिटिकल एऑर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित थीं। इसकी वजह से वह प्रसव पीड़ा सहन करने की स्थिति में भी नहीं थीं। दिल की सर्जरी करने की स्थिति में एनेस्थीसिया देने में जान जाने का खतरा था। काफी विचार-विमर्श के बाद दोनों सर्जरी एक साथ करने का फैसला किया गया। नौ फरवरी को हुई यह सर्जरी सफल रही। शुक्रवार को दोनों मां-बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

ऑपरेशन टीम में ये थे शामिल :

प्रसूति एवं स्त्री रोग- प्रो. सुजाता देव, डॉ. वंदना सोलंकी, डॉ. नम्रता।

एनेस्थीसिया- प्रो. जीपी सिंह, डॉ. करण कौशिक, डॉ. रति बाला।

सीटीवीएस- प्रो. एसके सिंह, डॉ. विवेक तेवर्सन, डॉ. भूपेंद्र और डॉ. जीशान।



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