
प्रतीकात्मक तस्वीर
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अमित चौबे पटना निवासी हैं। वह लखनऊ की एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं। सोमवार को होली पर पटना जाने के लिए उन्होंने लखनऊ जंक्शन पाटलीपुत्र एक्सप्रेस की थर्ड एसी में रविवार को तत्काल में टिकट करवाया। वह घंटेभर पहले से ही लैपटॉप पर कोटा खुलने का इंतजार कर रहे थे। पर, जैसे ही कोटा खुला, उन्हें 17 सीटें खाली नजर आईं, पर उनके पेमेंट करने से पहले ही ट्रेन में वेटिंग शुरू हो गई।
रविवार सुबह तत्काल कोटे से कन्फर्म सीट की उम्मीद लगाए बैठे ज्यादातर यात्रियों को मायूसी हाथ लगी। रेलवे अफसरों के मुताबिक लखनऊ से गया, पटना व बिहार के अन्य राज्यों तथा पूर्वांचल के जिलों में जाने वाले यात्रियों ने तत्काल के लिए प्रयास किया। पर, ज्यादातर यात्रियों को मायूस ही होना पड़ा। कोटे की 480 सीटें 15 मिनट के भीतर ही फुल हो गईं और वेटिंग शुरू हो गई। वहीं सोमवार को भी रेगुलर ट्रेनों में वेटिंग से यात्रियों का सफर आसान नहीं होगा।
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लखनऊ से पटना जाने वाली देहरादून हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस की स्लीपर में सोमवार की वेटिंग 47 व थर्ड एसी में 17 है। श्रमजीवी एक्सप्रेस की स्लीपर में 146, थर्ड एसी में 49 तथा हिमगिरी एक्सप्रेस की स्लीपर में 71, थर्ड एसी में 27 वेटिंग चल रही है।
ऐसे ही लखनऊ जंक्शन-पाटलीपुत्र एक्सप्रेस की चेयरकार में 21 व थर्ड एसी में 16 वेटिंग, अर्चना एक्सप्रेस की स्लीपर में 67 तथा थर्ड एसी में 15 वेटिंग है। कोटा-पटना, मालदाटाउन, फरक्का, अमृतसर हावड़ा में भी वेटिंग चल रही है। लखनऊ से गया जाने वाली दुर्गियाना एक्सप्रेस की स्लीपर में 90, थर्ड एसी में 34 व कोलकाता एक्सप्रेस की स्लीपर में 99, थर्ड एसी में 45 तथा गंगा सतलुज एक्सप्रेस की स्लीपर में 87, थर्ड एसी में 11 वेटिंग है। लखनऊ से गोरखपुर जाने वाली गोरखधाम में नो रूम हो गया है। बिहार सप्तक्रांति की स्लीपर में रिग्रेट व थर्ड एसी में 23 वेटिंग, गोमतीनगर-कामाख्या एक्सप्रेस की स्लीपर में 97 व थर्ड एसी में दस वेटिंग है।
जनरल में धक्के खाकर किया सफर
रविवार को लखनऊ से पटना, बिहार व गोरखपुर आदि जगहों पर जाने वाले यात्रियों को जब कन्फर्म टिकट नहीं मिले तो उन्हें जनरल में ही सफर करना पड़ा। इससे जनरल में भयंकर भीड़ हो गई। पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। यात्रियों को धक्के खाते हुए ट्रेन का सफर करना पड़ा। भीड़ की वजह से ट्रेनों में टिकटों की जांच भी नहीं हो सकी।