
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज किए जाने पर कहा कि यह आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दलित-पिछड़ों का हक मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है। कहा कि जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
ये भी पढ़ें – नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी, 23 डीएम व 6 कमिश्नर की जल्द बदल सकती है जिम्मेदारी
ये भी पढ़ें – शिक्षक चयन सूची का पुनरीक्षण करेगी सरकार, 69 हजार भर्तियों का मामला, विधि विशेषज्ञों के साथ मंथन
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।
भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फँसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 15, 2023
लखनऊ हाईकोर्ट ने सोमवार को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन ना किए जाने पर 1 जून 2020 को जारी सहायक अध्यापक के चयन से जुड़ी सूची को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया। इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था।
बताया जा रहा है कि सरकार पहले चयन सूची का पुनरीक्षण करेगी। सरकार पुनरीक्षण में मिले तथ्यों के आधार पर आगे का निर्णय लेगी।