गौरीगंज (अमेठी)। पावर कॉर्पोरेशन कर्मियों की हड़ताल से पूरे जिले की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। जहां करीब एक चौथाई उपकेंद्र पूरी तरह ठप हो गए हैं वहीं अमेठी टाउन समेत कई कस्बों में रहने वालों को बिजली के साथ पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। आपूर्ति व्यवस्था के चरमराने का असर जिले के पांच लाख लोगों पर पड़ने लगा है।
हड़ताल के दूसरे दिन जिले में आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हड़ताल के पहले दिन महोना व जगदीशपुर विद्युत उपकेंद्र पूरी तरह ठप हो गए थे तो कई उपकेंद्रों पर आपूर्ति आंशिक रूप से बाधित हुई थी। शुक्रवार रात से लेकर हड़ताल के दूसरे दिन रात 10 बजे तक (48 घंटे) भादर, मुसाफिरखाना, करपिया, जामो, पीठीपुर, मोहनगंज, फुरसतगंज व तिलोई (राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह का मकान भी इसी उपकेंद्र में आता है) उपकेंद्र भी पूरी तरह ठप हो गए हैं। इसके अलावा जायस व सेमरौता उपकेंद्र भी आंशिक रूप से ठप हैं। साथ ही बरना टीकर, गौरीगंज ग्रामीण, शुकुल बाजार व पनियार के दो-दो फीडर से होने वाली आपूर्ति भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
इसी तरह अमेठी टाउन का दो नंबर फीडर (आधे से अधिक शहर) के अलावा खेरौना, बडग़ांव, भेटुआ, पीपरपुर, इन्हौना व के एक-एक व गौरीगंज ग्रामीण उपकेंद्र के दो फीडर भी खराब होने के बंद बंद पड़े हैं।
आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होने से अमेठी, जगदीशपुर, जामो व तिलोई समेत कई कस्बों में लोगों को बिजली के साथ पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है। जहां आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त है वहां रहने वाले लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए भी कई-कई किमी की दौड़ लगानी पड़ रही है। घर में शाम को भोजन बनने में दिक्कत नहीं आए इसके लिए लोगों को मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ रहा है। हड़ताल के दौरान सामने आने वाली फाल्ट को दुरुस्त करते हुए उपकेंद्रों का संचालन बहाल करने के लिए किए गए प्रशासनिक इंतजाम भी जिले में पूरी तरह ध्वस्त दिख रहे हैं। जितनी तेजी से उपकेंद्र व फीडर ठप हो रहे हैं ऐसे में माना जा रहा है कि हड़ताल के तीसरे दिन तक आधे से अधिक उपकेंद्र पूरी तरह ठप हो जाएंगे। हड़ताली कर्मी जबरन उपकेंद्र ठप नहीं कर सकें इसके लिए गौरीगंज समेत कई उपकेंद्रों पर पुलिस बल लगाया गया है। डीएम राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि हड़ताल का असर लोगों पर नहीं पड़े इसके लिए राजस्व कर्मियों व आईटीआई के प्रशिक्षुओं को उपकेंद्रों पर लगाया गया है। जहां भी फाल्ट आ रही है उसे सही कराने की कोशिश की जा रही है।
जिले में पावर कॉर्पोरेशन के 37 उपकेंद्रों को संचालित करने के लिए एक अधीक्षण अभियंता, पांच अधिशाषी अभियंता, 14 सहायक अभियंता व 30 अवर अभियंता के अलावा 630 संविदा कर्मी कार्यरत हैं। इनमें से अधीक्षण अभियंता को छोड़कर शेष अफसर व कर्मी बृहस्पतिवार रात 10 बजे से तीन दिवसीय (70 घंटे) हड़ताल पर हैं।
अमेठी। पावर कॉर्पोरेशन के अफसरों की हड़ताल का असर सरकारी अस्पतालों व कार्यालयों तक पहुंच गया है। फाल्ट ठीक नहीं होने से विद्युत उपकेंद्र अमेठी के फीडर नंबर दो की विद्युत आपूर्ति शुक्रवार देर शाम से बंद हो गई। इस फीडर के ठप होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोतवाली व तहसील तक की आपूर्ति बंद हो गई है। बिजली बंद होने से जहां अस्पताल में मौजूद अल्ट्रासाउंड व एक्सरे नहीं हो सका। पैथोलॉजी का भी संचालन ठप रहा। मौजूद चिकित्सक किसी तरह ओपीडी का संचालन करते रहे। लाइन बंद होने से पुलिस लाइंस, वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय, सेना भर्ती कार्यालय, राजकीय कृषि रक्षा इकाई केंद्र, 25 शैय्या के राजकीय चिकित्सालय, हेल्थ वेलनेस सेंटर, रजिस्ट्री ऑफिस, विकास खंड कार्यालय, पशु चिकित्सालय, बीईओ कार्यालय, नगर पंचायत कार्यालय, राजकीय पुस्तकालय, पानी टंकी, प्रधान डाकघर कार्यालय समेत एक दर्जन से अधिक बैंक में कामकाज प्रभावित रहा। समाधान दिवस समेत तमाम कार्यक्रम व बैंकिंग कार्य जनरेटर चलाकर निपटाए गए। दो दर्जन से अधिक परिषदीय, इंटर कॉजेल, महाविद्यालय, व निजी विद्यालयों में बच्चे व शिक्षक परेशान रहे। जामो विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति ठप होने से सीएचसी व ब्लॉक समेत पूरे कस्बे के लोगों व भादर में आपूर्ति ठप होने से सीएचसी में मरीजों को दिक्कत उठानी पड़ी। जगदीशपुर विद्युत उप केंद्र के पांच फीडर में हारीपुर फीडर पूरी तरह से बंद रहा। अन्य चार फीडर आंशिक रूप से संचालित रहे। इसके चलते सीएचसी व ब्लॉक कार्यालय समेत कस्बे के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।