कतर्नियाघाट सेंक्चुरी इलाके में मौजूद गिद्ध।

कतर्नियाघाट सेंक्चुरी इलाके में मौजूद गिद्ध।
– फोटो : amar ujala

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बहराइच के तराई क्षेत्र कतर्नियाघाट सेंक्चुरी इलाके में भारी संख्या में लगभग 100 के करीब गिद्धों का एक बड़ा समूह वाच टॉवर के पास ग्रासलैंड में देखा गया है। पर्यावरण के स्वच्छकार कहे जाने वाले व प्रदूषण को नष्ट कर वातावरण को स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पक्षी दुर्लभ गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। विलुप्त होने की कगार पर पहुंचने के बाद गिद्धों की जबरदस्त वापसी से वन विभाग भी इनको बचाने के लिए प्रयास में जुट गया है।

बताया जा रहा है कि रोजाना कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय के समीप वॉच टॉवर के पास ग्रासलैंड में 100 से अधिक संख्या में गिद्धों का एक बड़ा समूह पर्यटकों और वन कर्मियों को देखने को मिल रहा है। इतनी बड़ी संख्या में गिद्धों को देखने के बाद यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस तरह एक बार फिर गिद्धों की संख्या में तेजी से बढोत्तरी देखने को मिल रही है।

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रविवार को कतर्नियाघाट घूमने पहुंचे पर्यटकों ने गिद्धों इस बड़े समूह की खूबसूरत तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया। वहीं, वन विभाग गिद्धों की बढोत्तरी की खबर से गदगद हैं।

197 है गिद्वो की संख्या: ककरहा और मोतीपुर समेत चार रेंज में 15 जनवरी 2021 को गिद्धों की गणना की गई थी। इसमें गिद्धों की संख्या 159 हो गई थी। जबकि 2019/20 में इनकी संख्या महज 35 ही थी। ऐसे में इस वर्ष 16 नवंबर और 17 नवंबर 2022 को हुई गणना में कुल 197 गिद्ध मिले यानी 38 गिद्ध बढ़े हैं। जंगल में गिद्धों के बढ़े कुनबे को लेकर वन विभाग के अधिकारी उत्साहित हैं।

डीएफओ आकाशदीप बधावान ने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की अगुवाई में गणना शुरू हुई। जिसमें कतर्नियाघाट के सुजौली और कतर्नियाघाट रेंज में 197 गिद्ध पाए गए। डीएफओ ने बताया कि इस बार गणना में 38 गिद्धों की संख्या बढ़ी है जबकि बीते वर्ष गणना में गिद्धों की संख्या सिर्फ 159 ही थी। उन्होंने बताया कि जंगल में चार प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं। इनमें हिमालयी, सफेद, काला व देशी गिद्ध शामिल हैं। चार रेंज में गिद्धों की संख्या बढ़ने से वनाधिकारियों के साथ ही वन्यजीव प्रेमी गदगद हैं।



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