बालू, मौरंग और गिट्टी सहित अन्य उप खनिजों के वाहनों का बिना रवन्ना पर्ची और परिवहन प्रपत्र के संचालन के आरोप में प्रदेश सरकार ने वाराणसी और जौनपुर के जिला खान अधिकारी, आजमगढ़ के खनन निरीक्षक और वाराणसी के खनन लिपिक को निलंबित कर दिया है। 

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के विशेष सचिव विनीत जैन ने बताया कि विभाग को शिकायत मिली थी कि पूर्वांचल के जिलों में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उप खनिजों के वाहनों का अवैध परिवहन हो रहा है। उप खनिज भरे वाहन बिना रवन्ना पर्ची और परिवहन प्रपत्र के वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और मऊ होते हुए दूसरे जिलों व प्रदेशों में जा रहे हैं। विभाग की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने पिछले दिनों औचक निरीक्षण के लिए इन जिलों में टीम भेजी थी। 

टीम ने रात को हाइवे पर गाड़ियां रोक कर जांच की तो शिकायत सही पाई गई। बड़ी संख्या में उप खनिज के वाहनों का अवैध परिवहन पकड़ा गया। वाहनों को जब्त कर जब वाहन मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनसे पूछताछ की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वाहन मालिकों ने जिला खनन अधिकारियों, खनन निरीक्षक और खनन लिपिक की मिलीभगत होना उजागर किया। उनके पास से खनन महकमे के अधिकारियों से बातचीत की कॉल रिकार्डिंग भी जब्त की गई है।

जैन ने बताया कि मामले में सरकार ने प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में वाराणसी के जिला खनन अधिकारी परिजात त्रिपाठी, जौनपुर के जिला खान अधिकारी विनीत सिंह, आजमगढ़ और मऊ के खनन निरीक्षक सुनील मौर्या और वाराणसी के खनन लिपिक सुमित श्रीवास्तव को निलंबित किया है।



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