रायबरेली। जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए संचालित राष्ट्रीय कार्यक्रम बेपटरी हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग 11 माह में बजट खर्च कर पाने में नाकाम रहा है। अंधता, कुष्ठ, क्षयरोग निवारण सहित 11 राष्ट्रीय कार्यक्रमों के 18.50 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाए। अधिकारी 11 माह में 25.11 करोड़ में 6.61 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाए। अब दबाव बढ़ने के बाद बजट को शत-प्रतिशत खर्च करने की कवायद तेज हो गई है, जबकि 31 मार्च तक ही मौका है।शासन से स्वास्थ्य विभाग को हर साल राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए बजट मिलता है। समय से बजट मिलने के बावजूद विभाग इस साल बजट को खर्च नहीं कर पाया है। अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत कैंपों का आयोजन करके नेत्र रोगियों के इलाज के लिए 98 लाख रुपये मिले, लेकिन बीते फरवरी माह तक मात्र 16.17 लाख रुपये ही खर्च हो पाए हैं।

इसी तरह क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम को 6.46 करोड़ रुपये मिले, लेकिन इसमें तीन करोड़ ही खर्च किए गए। कुष्ठ रोग से लोगों को बचाने के लिए 82 लाख रुपये मिले। इसमें भी मात्र 34.79 लाख रुपये ही विभाग खर्च कर पाया। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में भी 63 लाख में 25 लाख रुपये ही अब तक खर्च हो सके। इसी तरह अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बजट भी खाते तक सिमटकर रह गए हैं।

डेंगू, एईएस ने मचाया तांडव, खर्च नहीं हुए चार करोड़

स्वास्थ्य विभाग को वेक्टरजनति रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 560.92 लाख रुपये मिले लेकिन फरवरी माह तक मात्र 119.25 लाख ही खर्च हो पाए। इस साल डेंगू के 200 से अधिक मरीज मिले। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के भी मरीजों की संख्या 50 के पार रही। अन्य मच्छरजनित मरीजों की संख्या इस बार खूब बढ़ी, लेकिन पर्याप्त बजट होने के बाद भी विभाग बजट को खर्च करने में नाकाम रहा और लोग इन बीमारियों से परेशान रहे।

जिला अस्पताल में मनमानी की हद, नहीं लगे प्लांट

जिला अस्पताल को इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज के तहत लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) प्लांट स्थापित कराने के लिए बजट दिया गया, लेकिन करीब पांच माह से बजट जस का तस रखा हुआ है। एम्स में एलएमओ प्लांट स्थापित कराने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज में मिले पांच करोड़ आठ रुपये में अब तक मात्र 10 लाख रुपये ही खर्च हो पाए हैं।

राष्ट्रीय कार्यक्रम का नाम मिला बजट (लाख रुपये में) खर्च बजट (लाख रुपये में)

अंधता निवारण कार्यक्रम 98.77 16.17

क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम 646.44 300.00

कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम 82.28 34.79

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम 63.66 23.77

वेक्टरजनति रोग नियंत्रण कार्यक्रम 560.92 119.25

नियमित टीकाकरण 456.74 128.18

इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज 508.00 10.00

रैबीज नियंत्रण कार्यक्रम 7.37 1.19

नेशनल प्रोग्राम फॉर पलेटिव केयर 14.80 1.53

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम 63.74 25.90

कुल 2511.76 661.37

राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए मिले बजट को संबंधित सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल को दिया गया है। सभी को समय से पूरा बजट खर्च करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। कई कार्यक्रम पूरे कराए गए हैं। उनमें सिर्फ भुगतान बाकी है। -डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ



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