रायबरेली। इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के खतरे को देखते हुए जिले में मरीजों की जांच और भर्ती करके इलाज करने की तैयारी तेज कर दी गई है। जिला अस्पताल में बनाए गए कोविड वार्ड के 50 बेडों को तैयार किया जा रहा है। वार्ड में दवाओं के साथ ही मरीजों को भर्ती करने के लिए बंदोबस्त किए जा रहे हैं। जिले की 19 सीएचसी में भी मरीजों को भर्ती करने के लिए पांच-पांच बेड तैयार किए जा रहे हैं।

जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक में मंगलवार को मरीजों की लाइन लगी रही। इन अस्पतालों की ओपीडी में इन दिनों सबसे ज्यादा सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी से पीड़ित मरीज आ रहे हैं।

मंगलवार को इन अस्पतालों की ओपीडी में तीन हजार से अधिक मरीज पहुंचे। इनमें सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी के मरीजों की संख्या 600 से अधिक रही। इन्फ्लूएंजा के बढ़ते खतरे को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है। एच3एन2 के मरीजों का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल के कोविड वार्ड को आरक्षित किया गया। यहां 50 बेड हैं। इसके अलावा सभी सीएचसी में भी पांच-पांच बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। हालांकि अब तक इन्फ्लूएंजा का कोई मरीज नहीं मिला है।

इन्फ्लूएंजा एच3एन2 के लक्षण

संक्रमितों को लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और सांस में घरघराहट की समस्या होती है। मरीजों को उल्टी, गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की शिकायत रहती है। ये लक्षण करीब एक सप्ताह तक बने रह सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है। लक्षण प्रतीत होते ही चिकित्सक से सलाह लें।

सीएचसी पर पांच-पांच बेड व जिला अस्पताल में कोविड वार्ड के 50 बेडों को मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। इन्फ्लूएंजा के मिलने वाले मरीजों को यहां भर्ती कराकर इलाज कराया जाएगा। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने का काम होगा।

डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published.