संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ

Updated Sun, 19 Mar 2023 12:35 AM IST

रायबरेली। महराजगंज कोतवाली क्षेत्र में करीब 23 साल पहले हुए गैर इरादतन हत्या के एक मामले में कोर्ट ने दोषसिद्ध होने पर दो अभियुक्तों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। 20-20 हजार अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायालय स्थित पॉक्सो कोर्ट संख्या तीन के अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार तिवारी ने शनिवार को सुनाया।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडीजीसी (क्रिमिनल) उमानाथ सिंह के मुताबिक मामले की रिपोर्ट महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के नाथगंज मजरे हलोर निवासी पूरन लोध ने दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार नौ जून 1999 की सुबह सुखराम व श्रीराम अपने खेत में ट्यूबवेल से पानी लगाए हुए थे। जमीन के विवाद को लेकर गांव के रामबहादुर, रामदास, रामसजीवन व किशुनपाल ने लाठी-डंडा लेकर गाली-गलौज करते हुए वादी पूरन, श्रीराम व सुखराम को पीटकर जख्मी कर दिया। बाद में चोटिल सुखराम की मौत हो गई।

पुलिस ने विवेचना के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल के दौरान किशुनपाल व रामदास की मौत हो गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त रामबहादुर व रामसजीवन को कैद व अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने अर्थदंड जमा होने पर आधी राशि मृत सुखराम के वारिसों के साथ चोटिल वादी पूरन व श्रीराम को देने का भी आदेश दिया है।



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