रायबरेली। प्रयागराज में गवाह उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों की हत्या को अंजाम देने के बाद माफिया अतीक अहमद गैंग के शूटर रायबरेली जिले से होकर लखनऊ भागे थे। शनिवार को इस बात की चर्चा ने पुलिस अफसरों के होश उड़ा दिए। हालांकि बाद में एसपी ने बताया कि यह महज एक अफवाह है।
दरअसल, उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों की हत्या के बाद एसटीएफ बदमाशों की धरपकड़ में जुटी है। शनिवार को चर्चा रही कि वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर लखनऊ भागे थे। लखनऊ-रायबरेली जिले की सीमा पर निगोहां स्थित टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी में शूटर एक फार्च्यूनर पर सवार होकर लखनऊ जाते दिखे हैं और इसका वीडियो भी वायरल हुआ है।
बताया जा रहा है कि जिस फार्च्यूनर से शूटर लखनऊ पहुंचे, उस गाड़ी पर लगी नंबर प्लेट पर गलत नंबर पड़ा था। लखनऊ तक पहुंचने में शूटरों को रायबरेली जिले की सीमा में 80 किमी. का सफर तय करना पड़़ा।
दिनभर चर्चा रही कि शहर क्षेत्र के खालीसहाट मोहल्ले के एक घर में शूटर रातभर ठहरा था। इसके बाद वह भाग गया। एसटीएफ ने संदिग्ध घर के मालिक को पकड़ा है। सदर कोतवाली पुलिस ने खाली सहाट, किला बाजार मोहल्ले में जाकर लोगों से पूछताछ की, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने एसटीएफ की कार्रवाई की जानकारी न होने की बात कही।
सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली
बछरावां कोतवाल नारायण कुशवाहा ने टीम गठित कर पुलिस को टोल प्लॉजा भेजकर सीसीटीवी फुटेज को चेक कराया। कोतवाल ने बताया कि फुटेज चेक कराई गई, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों के लखनऊ आने जाने की कोई जानकारी नहीं हो पाई। टोल प्लाजा के मैनेजर राकेश सिंह ने बताया कि तिहरे हत्याकांड के शूटरों का लखनऊ जाने की कोई फुटेज नहीं है।
प्रयागराज में गवाह उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों की हत्या में शामिल में शूटरों के लखनऊ जाने का वीडियो वायरल होने की बात महज एक अफवाह है। वीडियो वायरल होने की जानकारी नहीं है। एसटीएफ ने शहर क्षेत्र से किसी व्यक्ति को नहीं पकड़ा है।
आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक