रायबरेली। प्रतापगढ़ में रेल लाइन दोहरीकरण के चलते निरस्त चल रहीं ट्रेनें 12 दिन बाद पटरी पर लौट आईं। इससे रेलवे स्टेशन पर चहल-पहल दिखी। ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने से रोजाना करीब चार हजार यात्री घट गए थे। अब ट्रेनें चलने से होली पर यात्रियों को आसानी होगी।
प्रतापगढ़ जिले में रेल लाइन दोहरीकरण के तहत 20 फरवरी से नॉन-इंटरलॉकिंग का काम चल रहा था, जिससे लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर चलने वाली पांच जोड़ी ट्रेनें निरस्त चल रही थीं। पंजाब मेल समेत कई गाड़ियों को दूसरे रास्तों से चलाया जा रहा था।
गुरुवार देर शाम रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के बाद दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी मिल गई तो ट्रेनों का संचालन पटरी पर लौटने लगा। लखनऊ और वाराणसी के बीच दौड़ने वाली इंटरसिटी, जौनपुर और रायबरेली के बीच चलने वाली इंटरसिटी, वाराणसी और लखनऊ के बीच दौड़ने वाली एक्सप्रेस ट्रेन, लखनऊ और प्रयागराज संगम के बीच दौड़ने वाली एक्सप्रेस, वाराणसी और देहरादून के बीच दौड़ने वाली जनता एक्सप्रेस शुक्रवार से चलने लगीं। पंजाब मेल भी अपने पुराने रास्ते से चलाई गई। स्टेशन अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि सभी प्रभावित ट्रेनें चलने लगी हैं। यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है।
ढाई घंटे देर से आई कानपुर इंटरसिटी
प्रतापगढ़ में दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण गुरुवार देर शाम तक चलता रहा, जिसका असर ट्रेनों के संचालन पर शुक्रवार को सुबह तक दिखा। सुबह प्रतापगढ़ से कानपुर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ढाई घंटे की देरी से आई। इस ट्रेन को प्रतापगढ़ से ही करीब डेढ़ घंटे देर से रवाना किया गया था। दिल्ली से प्रतापगढ़ जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस डेढ़ घंटे, सहारनपुर से प्रयागराज संगम जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस दो घंटे, हावड़ा से अमृतसर जाने वाली पंजाब मेल एक घंटे, अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल डेढ़ घंटे, वाराणसी से देहरादून जाने वाली जनता मेल सवा घंटे, वाराणसी से लखनऊ जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन डेढ़ घंटे विलंब से आई। गुरुवार को देर शाम आने वाली काशी विश्वनाथ और पद्मावत एक्सप्रेस मध्यरात्रि को पहुंची, क्योंकि इन ट्रेनों को अपने आरंभिक स्टेशन से ही ढाई घंटे देर से रवाना किया गया था। वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस छह घंटे और प्रतापगढ़ से दिल्ली जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस चार घंटे देर से आई।