रायबरेली। शहर के औद्योगिक क्षेत्र- द्वितीय में करीब 59 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई पार्क स्थापित होगा। एमएसएमई पार्क के स्थापित होने से जिले के लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही एक ही परिसर में उद्यमियों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिल सकेंगी।
जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 118 एकड़ भूमि पर उद्यम लगने के बाद करीब 43 साल में अलग-अलग कारणों से 103 उद्यम बंद हो चुके हैं। इस वजह से शहर के औद्योगिक क्षेत्र द्वितीय में 59 एकड़ से अधिक भूमि पर लगे उद्योगों के बंद होने से जमीन बेकार पड़ी है।
अब इस जमीन को खाली कराकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के निवेशकों को भूखंड आवंटित कराने की प्रक्रिया चल रही है। शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में जिले में सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई पार्क का प्रस्ताव पास कर दिया।
एमएसएमई पार्क में मिलेंगी ये सुविधाएं
प्रस्तावित इंडस्ट्रियल पार्क में एमएसएमई इकाइयों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में जुटाने का प्रयास होगा। मेन्युफैक्चरिंग जोन में फ्लैटनुमा कारखाने और फैक्टरी शेड की सुविधा मिल सकती है। सामान्य सुविधाओं के तहत बिजनेस व शॉपिंग सेंटर, रेस्टोरेंट, हॉस्टल, ऑफिस ब्लॉक, स्वास्थ्य व संचार सुविधाएं आदि व्यवस्था होगा। बिजली, पानी, सड़क की सुविधा के अलावा पार्क में अन्य सुविधाएं होंगी। लॉजिस्टिक्स के तहत वेयरहाउस, कंटेनर व ट्रक टर्मिनल, रेलवे साइडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, फ्यूल स्टेशन आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
16 सेक्टर में 4500 करोड़ के उद्यमों के प्रस्ताव
उपायुक्त जिला उद्योग नेहा सिंह का कहना है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जिले में 16 सेक्टर में करीब 4500 करोड़ से 174 उद्यम लगाने के प्रस्ताव उद्यमियों ने दिए हैं। उद्यमियों ने उद्यम लगाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन की डिमांड की है। जमीन की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीएसआईडीसी) को है, लेकिन यूपीएसआईडीसी इस काम में रुचि नहीं ले रहा है। ऐसे में भूखंडों की जिम्मेदारी अथॉरिटी से वापस लेकर जिला उद्योग केंद्र को दिलाने का अनुरोध किया गया है।
जिले में औद्योगिक क्षेत्रों में बंद उद्योगों का हाल
औद्योगिक क्षेत्र एरिया (एकड़)
रायबरेली प्रथम 42.38
रायबरेली द्वितीय 59.20
लालगंज 4.32
महराजगंज 0.84
सलोन 3.07
कुल 118.74
इनसेट
जिले में पिछले कुछ सालों से बंद पड़े कारखाने
स्पिनिंग मिल 2012
शीना होम टेक 2005
अपकॉन केबल्स 2001
रावल पेपर मिल 1998
मोदी कॉर्पेट 1998
वेस्पा कंपनी 1995
मित्तल फर्टिलाइजर 1992
यूपी टायर ट्यूब 1992
कृष्णा पेपर मिल 1983
सीतापुर पेपर मिल 1982
गंगा एस्बेस्टेस 1980
जिले में एमएसएमई पार्क की स्थापना के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास हुआ है। शासन से निर्देश आते ही प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। उद्यमियों के प्रस्तावों के हिसाब से उद्योग स्थापित कराने की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है।
माला श्रीवास्तव, जिलाधिकारी