रायबरेली। आलू भंडारण के लिए जहां किसान जद्दोजहद कर रहे हैं, वहीं अब बदलता मौसम उनके लिए मुसीबत बन गया है। 50 हजार मीट्रिक टन आलू खुले में रखा है। यदि बारिश हुई तो आलू खराब हो सकता है।

जिले में 27 कोल्ड स्टोर हैं। इनमें एक लाख 92 हजार मीट्रिक टन आलू रखने की क्षमता है। शुक्रवार तक करीब एक लाख 45 हजार मीट्र्रिक टन आलू का भंडारण शीतगृहों में कर दिया गया। इस बार ढाई लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आलू का उत्पादन हुआ है।

आलू के दाम कम होने के कारण किसान भंडारण के लिए शीतगृहों में पहुंच रहे हैं। यहां जगह न होने से भंडारण के लिए किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। कई किसानों ने खेतों में ही आलू डंप कर रखा है। इसी बीच शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदल गया। रोहनिया, सलोन क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। यदि बारिश हुई तो आलू सड़ सकता है।

जिला उद्यान अधिकारी केशवराम चौधरी ने बताया कि जिले के 27 शीतगृहों में किसानों का आलू भंडारण कराया जा रहा है। शीतगृह अभी खाली हैं। कहीं पर कोई दिक्कत नहीं आ रही है।



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