
रायबरेली में जिला अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सक कक्ष के बाहर लगी मरीज व तीमारदारों की भीड़।
रायबरेली। कोरोना के कहर के बाद जिले में एच3एन2 इंफ्लूएंजा स्टेन का खतरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों से 24 घंटे सतर्क रहने को कहा है। साथ ही लगातार बुखार, जुकाम, शरीर में दर्द, सिरदर्द लक्षण वाले मरीजों को चिकित्सकों से परामर्श लेने की सलाह दी गई है।जिले में पिछले साल कोरोना ने खूब तांडव मचाया। पिछले कई महीने से कोरोना पूरी तरह से शांत है, लेकिन अब एच3एन2 इंफ्लूएंजा का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोरोना नहीं है, लेकिन इसकेे लक्षण कोरोना जैसे ही हैं। एच3एन2 इंफ्लूएंजा स्वाइन फ्लू का स्टेन रूप है। यह ज्यादा खतरनाक है। लोगों को इससे बचने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, क्योंकि ऐसे मरीजों में संक्रमण का अधिक खतरा है। छोटे बच्चों व बुजुर्गों को भी इससे ज्यादा खतरा है।
सीएमओ ने संक्रमण को देखते हुए सभी सीएचसी अधीक्षकों को अलर्ट कर दिया है। लक्षणों वाले मरीजों पर विशेष ध्यान देने के आदेश दिए हैं। रोजाना रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। लक्षण वाले मरीजों की कोरोना की आरटीपीसीआर जांच कराने को कहा है। इससे एच3एन2 इंफ्लूएंजा के बारे में जानकारी मिल सकती है।
इनसेट इंफ्लूएंजा एच3एन2 के लक्षण एपिडियोलॉजिस्ट डॉ. ऋषी बागची का कहना है कि संक्रमितों को लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और सांस में घरघराहट की समस्या होती है। मरीजों को उल्टी, गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की शिकायत रहती है। ये लक्षण करीब एक सप्ताह तक बने रह सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ये वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है।
ये बरतें सावधानियां
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सलीम का कहना है कि नियमित रूप से हाथ धोने के साथ ही भीड़ में जाने से पहले मास्क लगाएं। छींकने और खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढके, आंखों और नाक को छूने से बचें और बुखार और शरीर में दर्द के लिए दवा लें। बिना चिकित्सक की सलाह के दवा का सेवन न करें।
एच3एन2 इंफ्लूएंजा के खतरे को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है। अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है। लोग एहतियात बरतें और भीड़भाड़ में जाने से बचें। लक्षण प्रतीत होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें। -डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ