– कॉल स्पूफिंग कर डीजीपी के सीयूजी नंबर का किया गलत इस्तेमाल

– सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था बातचीत का ऑडियो

संवाद न्यूज एजेंसी

लखनऊ। यूपी पुलिस के डीजीपी के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर जालसाज ने पुलिस के कई अधिकारियों को फोन कर झूठी सूचना दी। जालसाज और कानपुर के सजेती थानेदार की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ तब मामला सामने आया। मामले में हजरतगंज पुलिस ने गुपचुप ढंग से अज्ञात जालसाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और तलाश में पुलिस, क्राइम ब्रांच व साइबर क्राइम सेल की टीम गठित की गई है।

हजरतगंज कोतवाली में तैनात एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी के अनुसार, 26 फरवरी को एक वायरल वीडियो मिला। ऑडियो कानपुर के सजेती थानेदार और एक व्यक्ति के बीच वार्ता का था। थानेदार को फोन करने वाला खुद को डीजीपी डीएस चौहान बता रहा था। अधिकारियों ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि डीजीपी के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर कोई जालसाज पुलिस अधिकारियों को कॉल कर रहा है।

बाबूपुरवा थानेदार को भी की गई थी डीजीपी के नंबर से कॉल

जांच में पता चला कि जालसाज ने 19 फरवरी को कानपुर के बाबूपुरवा थानेदार के सरकारी नंबर पर दोपहर दो बजे कॉल की थी। इसके बाद 24 फरवरी को जालसाज ने कानपुर के सजेती थानेदार को डीजीपी के सीयूजी नंबर से फोन किया। आरोपी खुद को डीजीपी बताकर अपराध के संबंध में थानेदारों को झूठी सूचना देने के साथ ही गलत बातें कर रहा था।

गंभीर धाराओं में दर्ज की गई एफआईआर

डीजीपी के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग की बात सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़प मच गया। गुपचुप ढंग से 26 फरवरी को हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात जालसाज के खिलाफ आईसीपी की कई धाराओं सहित आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया। मुकदमा एसएसआई हजरतगंज दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर लिखा गया।

जानिए क्या होती है कॉल स्पूफिंग

जालसाज वाॅयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) बेस्ड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आप तक पहुंच सकते हैं। जालसाज इस तकनीक से कॉलर आईडी को मैनिपुलेट करते हैं। इसके चलते कॉल आने पर किसी दूसरे का नंबर मोबाइल स्क्रीन पर दर्शाता है। इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप अनजान नंबर से आई कॉल को पिक न करें।



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