
हॉटमिक्स प्लांट।
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
विस्तार
पीडब्ल्यूडी में सरकारी हॉटमिक्स प्लांट खाली खड़े हैं, वहीं निजी हॉटमिक्स प्लांट का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि, स्पष्ट निर्देश हैं कि विभागीय प्लांट की उपलब्धता होने पर निजी प्लांट का इस्तेमाल न किया जाए।
अमर उजाला इस मुद्दे को लगातार प्रमुखता से उठा रहा है। कुछ समय पहले पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के अंदर ही निजी हॉटमिक्स प्लांट से रोड बनवाई गई थी। इस पर 14 फरवरी को विभागाध्यक्ष संदीप कुमार ने कड़ा पत्र जारी करते हुए कहा था कि विभागीय प्लांटों से कार्य कराए जाने के निर्देश जारी किए जाने के बावजूद वर्टिकल टेंडर के रूप में निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं।
वर्टिकल टेंडर में निजी हॉटमिक्स प्लांट के इस्तेमाल का प्रावधान होता है। विभागाध्यक्ष ने लखनऊ के ही अधीक्षण अभियंता को लिखा कि किन परिस्थितियों में नियमों की अवहेलना की गई। उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा। साथ ही विभागीय हॉटमिक्स प्लांट से कार्य कराने के निर्देश भी दिए।
इसके बावजूद लखनऊ और रायबरेली समेत कई जिलों में यह खेल जारी है। लखनऊ के 65 मार्गों के लिए मार्च में ही टेंडर मांगे गए हैं और इन सभी में निजी हॉटमिक्स प्लांट से काम कराए जाने की बात कही गई है। इसी तरह से रायबरेली में भी वर्टिकल टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। जबकि, इन दोनों जिलों में विभाग के 3-3 हॉटमिक्स प्लांट हैं, जिनका समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा है।
विभागाध्यक्ष संदीप कुमार का कहना है कि अगर एस्टीमेट में स्वीकृति विभागीय प्लांट से काम कराने की है, तो फिर उसी से काम कराया जाना चाहिए। विभागीय प्लांट की दरें, निजी प्लांट के मुकाबले ज्यादा आ रही हैं, इसलिए इस बारे में इंडियन रोड कांग्रेस के साथ पत्राचार किया जा रहा है। ये दरें भारत सरकार के स्तर से ही तय होती हैं। -संदीप कुमार, विभागाध्यक्ष पीडब्ल्यूडी