कवि कुमार विश्वास

कवि कुमार विश्वास
– फोटो : अमर उजाला

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कवि कुमार विश्वास उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत होना नहीं चाहते हैं। भाजपा की ओर से उन्हें दिए गए प्रस्ताव पर कुमार विश्वास ने स्वीकृति नहीं दी है। उधर, परिषद की छह सीटों पर मनोनयन बीते दस महीने से अटका ही हुआ है।

विधान परिषद में मनोनीत कोटे की छह सीटों में लेखक, कवि, सांस्कृतिक कलाकार सहित अन्य क्षेत्र से लोगों को मनोनीत करने का प्रावधान है। परिषद में मनोनीत कोटे की छह सीटें 26 मई 2022 से खाली है।

भाजपा और प्रदेश सरकार के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि कुमार विश्वास को एमएलसी नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया था। कुमार विश्वास प्रदेश की राजनीति नहीं करना चाहते हैं। उनकी दिलचस्पी राष्ट्रीय राजनीति में है। लिहाजा उन्होंने एमएलसी बनने का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है। भाजपा में उनके कुछ करीबी मित्र उन्हें मनाने का प्रयास भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दी मांक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर, द मांक हू ट्रांसफार्मड उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी पास्ट, प्रजेंट एंड फ्यूचर के लेखक शांतुनू गुप्ता का नाम भी एमएलसी के पैनल में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का नाम भी पैनल में है। आईआईएम ग्रेजुएट साकेत ने आईपीएस की नौकरी छोड़कर बैंक की नौकरी शुरू की थी। साकेत को पहले लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा भी रही है।

एमएलसी के लिए भोजपुरी गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी का नाम भी पैनल में रहा है। राजनीतिक क्षेत्र से भाजपा के कानपुर-बुंदलेखंड क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, बृज के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी का नाम भी शामिल है। मनोनीत कोटे से एक दलित, एक महिला और एक पिछड़े वर्ग के नेता की भी नियुक्ति की जाएगी। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी इस पर जातीय संतुलन बैठाने के लिए मंथन कर रही है। कुछ नामों पर सहमति नहीं बनने के कारण परिषद में सदस्यों का मनोनयन नहीं हो पा रहा है।



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