CBI

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– फोटो : Amar Ujala

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 93वीं वाहिनी, लखनऊ के कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय अपनी संपत्तियों की जानकारी विभाग से छिपा रहे थे। अपनी पत्नी सुमन पांडेय के नाम से वाराणसी के मीरापुर में दो कृषि योग्य भूमि खरीदने की जानकारी उन्होंने मुख्यालय को नहीं दी थी। उन्होंने गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 8.45 लाख रुपये का भूखंड अपनी पत्नी के नाम खरीदा था। इसका पता विभाग को तब लगा जब उन्होंने जनवरी, 2023 में इसे 1.73 करोड़ रुपये में बेचा। उधर, सीबीआई केस और छापेमारी के बाद सीआरपीएफ मुख्यालय ने लखनऊ की 93वाहिनी के कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय का तबादला आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित काउंटर इनसरजेंसी एंड एंटी टेररिज्म स्कूल (सीआईएटी) कर दिया गया।

इतना ही नहीं, उन्होंने नोएडा के सेक्टर-1 में एक बेशकीमती व्यवसायिक इमारत का निर्माण कराया। इस बारे में भी उन्होंने विभाग को अवगत नहीं कराया। उनकी पत्नी सुमन पांडेय ने नई दिल्ली की कंपनी कल्पतरु एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के शेयर करीब 82 लाख रुपये में खरीदे थे। इसके लिए उन्होंने अपने रिश्तेदारों से 77 लाख रुपये का कर्ज लिया था। इसी तरह उनके बेटे और बेटी ने भी कल्पतरु के शेयर खरीदे थे। सीआरपीएफ के मुख्य सतर्कता अधिकारी ने सीबीआई निदेशक को भेजी शिकायत में आशंका जताई कि कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय ने अपने बेटे और बेटी के नाम तमाम चल-अचल संपत्तियां खरीदी हैं। साथ ही अपने माता-पिता, पत्नी, बेटे और बेटी के नाम से स्टॉक मार्केट और जेवरात में बड़ी रकम निवेश की है। चर्चा ये भी है कि रांची में जेमिनी स्वालंबी सहकारी समिति की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने 7.21 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी। इस संपत्ति पर कब्जा करने के लिए खासतौर पर लखनऊ ग्रुप केंद्र के जवानों को रांची भेजा गया था।

सामान खरीद में गड़बड़ी के मिल रहे सुराग

नीरज कुमार पांडेय के चार शहरों में स्थित पांच ठिकानों पर छापेमारी में सीबीआई को सीआरपीएफ के लिए खरीदे जाने वाले सामान से संबंधित तमाम दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई के अधिकारियों को संदेह है कि विभागीय सामान और राशन की खरीद-फरोख्त में नीरज कुमार पांडेय ने भ्रष्टाचार अंजाम दिया जिससे करोड़ाें रुपये की संपत्तियों को खरीदा। इस प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका को भी तलाशा जाएगा, जिनकी जिम्मेदारी कमांडेंट पर नजर रखने और गड़बड़ियां रोकने की थी।

भूमाफिया से साठगांठ की भी जांच

सूत्रों की मानें तो कमांडेंट नीरज कुमार पांडेय की जांच में सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र, लखनऊ के कई अन्य अधिकारी भी फंस सकते हैं। पता चला है कि ग्रुप केंद्र के कई अधिकारी स्थानीय भूमाफिया से साठगांठ कर आसपास के इलाकों की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में हस्तक्षेप करते हैं। साथ ही खनन गतिविधियों में भी उनकी संलिप्तता रहती है। सीबीआई इन सभी बिंदुओं की भी गहनता से पड़ताल कर रही है।



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