रायबरेली। जिले में शुक्रवार को भी बिजली व्यवस्था पटरी से उतरी रही। बिजली कर्मियों की हड़ताल के कारण सीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति का शेड्यूल बिगड़ गया है। इससे जनजीवन प्रभावित है। उपकेंद्रों को चालू के लिए पुलिस-प्रशासन बिजली कर्मियों पर दबाव बना रहा है। इसको लेकर पुलिस और बिजली कर्मियों में झड़पें भी हुईं।

विभाग के निजीकरण के खिलाफ व संविदा कर्मियों को समान कार्य का समान मानदेय दिए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर करीब पांच हजार बिजली कर्मी गुरुवार रात से हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को भी बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी रही। हड़ताल का असर अब दिखने लगा है।

जिले में 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसर दावा कर रहे हैं कि जनरेटर के जरिए स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन कराया गया, लेकिन हकीकत इसके उलट रही। बिजली की आवाजाही से अस्पतालों में अंधेरा छाया रहा। इससे मरीज और तीमारदार परेशान रहे। सीएमओ डॉ.वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जेनरेटर के जरिए सीएचसी में काम कराया गया।

देहात क्षेत्र में जलनिगम की 65 टंकियां हैं, जिससे देहात क्षेत्रों में जलापूर्ति होती है। शुक्रवार को बिजली न होने के कारण 150 गांवों में पानी की आपूर्ति ठप रही। देहात क्षेत्र के साथ ही शहर में इंदिरा नगर से निकले आनंद नगर फीडर से जुड़े मोहल्लों में विद्युत आपूर्ति सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक बंद रही।

वहीं प्रगतिपुरम से निकले टाउन फीडर से जुड़े मोहल्लों की आपूर्ति सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक बंद रही। इससे नागरिकों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ा। डीह और परशदेपुर की बिजली आपूर्ति 36 घंटे बाद भी बहाल नहीं हो पाई। शाम चार बजे केवल डीह कस्बे की आपूर्ति बहाल हो पाई। इसी तरह लालगंज, सरेनी, खीरों, सेमरी, सलोन, ऊंचाहार, रतापुर, गदागंज, छतोह, शिवगढ़, महराजगंज विद्युत उपकेंद्रों से निकले फीडर 94 फीडरों में 60 फीडरों की आपूर्ति बंद रही। इससे करीब 15 लाख आबादी बेहाल है।

400 नए कनेक्शन के आवेदन लंबित

जिले में पिछले कई दिनों से कार्य बहिष्कार और फिर हड़ताल की वजह से उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा है। हालात है कि करीब 400 नए कनेक्शनों के आवेदन लंबित हैं। अवर अभियंताओं की रिपोर्ट नहीं लगने की इन लोगों को कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं।

आधे पोल से उतर आया कर्मी

डीह। फॉल्ट ठीक करने के लिए एसडीएम सालिगराम ने डीह कस्बे के ही रवि कुमार को पोल पर चढ़ा दिया, लेकिन आधे पोल पर चढ़ने के बाद वह नीचे उतर आया। इसके बाद जगतपुर के लाइनमैन रामबख्श को बुलाया गया। उसने किसी तरह डीह कस्बे की बिजली आपूर्ति शुरू की।

देर रात डीएम ने कंट्रोल रूम का लिया जायजा

जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने गुरुवार रात सिविल लाइंस स्थित कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान मौजूद अधीक्षण अभियंता वाईएन राम और रामकुमार से बिजली व्यवस्था को जानकारी ली। शुक्रवार को डीएम ने कार्यदायी संस्था अवधी परिधि के जिम्मेदार अधिकारियों को तलब किया। कहा कि जरूरत के हिसाब से कर्मचारी नहीं उपलब्ध कराए गए तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

हड़ताल कर धरने पर जुटे अभियंता व कर्मचारी

विभाग का निजीकरण करने के खिलाफ बिजली कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। गोराबाजार में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रबंधन के खिलाफ बिजली कर्मियों ने नारेबाजी की। कैलाश यादव, विजय कुमार सिंह, विनोद कुमार, हरेंद्र कुमार, जीशान अंसारी ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक धरना जारी रहेगा।

बेहतर बिजली आपूर्ति के किए जा रहे प्रयास

बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते उपकेंद्रों पर राजस्व कर्मियों की मदद से बेहतर बिजली आपूर्ति के प्रयास किए जा रहे है। कुछ उपकेंद्रों पर फॉल्ट के कारण आपूर्ति ठप हुई थी, लेकिन देर शाम बिजली आपूर्ति को बहाल करा दी गई। यदि कहीं आपूर्ति बंद है, तो उसे भी बहाल कराया जाएगा।

वाईएन राम, अधीक्षण अभियंता



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