रायबरेली। बिजली कर्मियों की हड़ताल के बीच तेज हवा के साथ हुई बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। जिले के 54 में से 27 विद्युत उपकेंद्रों में आए फॉल्ट के कारण शनिवार को एक हजार गांव व शहर के 70 मोहल्लों में बिजली पूरी तरह गुल रही। इससे लोगों को पानी के संकट से जूझना पड़ा। एम्स व जिला अस्पताल में भी बिजली न आने से जेनरेटर के सहारे काम चलाया गया।

शनिवार दोपहर करीब एक बजे तेज हवा चली। इसी बीच हल्की बारिश हुई। इससे उपकेंद्रों व बिजली की लाइनाें में फॉल्ट आ गया। तकनीकी खामी के कारण ग्रामीण क्षेत्र के 21 व शहरी क्षेत्र को बिजली आपूर्ति करने वाले 6 विद्युत उपकेंद्रों की 33 केवी लाइन में फॉल्ट आ गया। इससे बिजली संकट गहरा गया। करीब एक हजार गांव और शहर के 70 मोहल्लों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई।

तेलियाकोट और प्रगतिपुरम उपकेंद्र से जुड़े मोहल्लों की बिजली शुक्रवार रातभर बंद रही। शनिवार सुबह 10 बजे किसी तरह आपूर्ति शुरू हुई, लेकिन दोपहर करीब डेढ़ बजे बत्ती फिर चली गई। बिजली न होने से पेयजल संकट गहरा गया। जानकारी होने पर नगर पालिका ने टैंकर भेजकर मोहल्ले में पानी की व्यवस्था कराई। बिजली नहीं होने से सिंचाई विभाग, विकास भवन, कलेक्ट्रेट, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभागों में कामकाज प्रभावित रहा। किसी तरह जेनरेटर चलाकर काम हुआ। कहने को सभी विद्युत उपकेंद्रों के संचालन के लिए अलग से ठेकेदारों को लगाया गया, लेकिन वह आपूर्ति बहाल कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

फॉल्ट से एम्स व जिला अस्पताल में कई घंटे गुल रही बिजली

जिला अस्पताल और एम्स में बिजली आपूर्ति के लिए स्वतंत्र फीडर बने हैं। दोनों लाइनों से बिजली की आपूर्ति चल रही थी, लेकिन दोपहर एक बजे बारिश व हवा चलने के कारण दोनों लाइनों में फॉल्ट आ गया। इससे दोनों जगह बिजली गुल हो गई। रोगियों और तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन कुछ ही देर में जेनरेटर चलने से थोड़ी राहत मिल गई। शाम करीब चार बजे एम्स की लाइन चालू हो गई लेकिन जिला अस्पताल में बिजली देर रात तक नहीं आई। यहां जेनरेटर से काम चलाया गया।

नर्सिंगहोम व बैंकों में जेनरेटर से चला काम

बिजली न आने से घरों में लगे इनवर्टर बंद हो गए। वहीं नर्सिंग होम और बैंकों में जेनरेटर चलाकर कामकाज निपटाया गया। अस्पताल चौराहा, घंटाघर, पुलिस लाइन समेत अन्य चौराहों पर मेडिकल स्टोर व नर्सिंग होम में लगे जेनरेटर चलते रहे।

आठ हजार आटा चक्कियां हुईं ठप

जिले में करीब आठ हजार से ज्यादा आटा चक्कियां हैं। बिजली न आने से चक्की ठप रहीं। मुंशीगंज कस्बा निवासी कृपा साहू ने बताया कि दोपहर में बारिश के बाद बिजली नहीं आई। इससे गेहूं की पिसाई, धान की कुटाई व तेल की पेराई का काम प्रभावित है। डलमऊ निवासी अजय कुमार ने बताया कि बिजली न आने से कारोबार प्रभावित हो रहा है।

तीन दिन से नहीं भर पाईं 65 पानी की टंकियां

ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति के लिए 65 पानी की टंकियां लगी हैं। फॉल्ट की वजह से नलकूप नहीं चल रहे हैं। इससे पानी की टंकियों में पानी नहीं भर पाता है। इन टंकियों से करीब 150 गांवों और उनके पुरवों को पानी की आपूर्ति होती है। बिजली संकट की वजह से पानी टंकियों से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है।

इन उपकेंद्रों से जुड़े मोहल्लों में गुल रही बिजली

शहर के इंदिरा नगर, प्रगतिपुरम, गोराबाजार, आईटीआई के अलावा अटौरा, डीह, एम्स, छतोह, परशदेपुर, मलकेगांव, कलुवाखेड़, सेमरी, खीरों, गुरुबख्शगंज, शिवगढ़, महराजगंज, ऊंचाहार तहसील, कठगर, उतरपारा, सलोन, लालगंज, सूची समेत 27 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े मोहल्लों की बिजली आपूर्ति बंद है।

बारिश की वजह से बढ़ी समस्या

बारिश व तेज हवा चलने की वजह से समस्या और बढ़ गई है। सभी विद्युत उपकेंद्रों के संचालन के लिए एजेंसियों को लगाया गया है। सबसे पहले 33 केवी लाइनों में आए फॉल्ट खोजे जा रहे हैं। फॉल्ट दुरुस्त होते ही बिजली आपूर्ति बहाल कराई जाएगी।

वाईएन राम, अधीक्षण अभियंता



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