रकुल प्रीत सिंह

रकुल प्रीत सिंह
– फोटो : अमर उजाला

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छतरीवाली पढ़ाएगी सुरक्षित यौन संबंधों का पाठ, क्योंकि हर घर में सेफ सेक्स पर बात जरूरी है। ये कहना है अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह का। जो अपनी फिल्म छतरी वाली के प्रमोशन के लिए लखनऊ में थीं। वे इस दौरान अमर उजाला के कार्यालय भी पहुंचीं। उन्होंने गर्भनिरोधक गोलियां, अबार्शन, नाइट पिल्स ले रहीं महिलाओं की समस्याओं को समझने की समाज से अपील की। बताया कि युवाओं को सेक्स एजुकेशन जरूरी है। मेरा मानना है कि औरतें खुद नहीं जानती कि उनकी बॉडी कतना अबार्शन झेल सकती है, फिर लोग क्या समझेंगे।  पेश है उनसे बातचीत के अंश…

ओटीटी टेक्नोलाजी की ग्रोथ को बताता है

ओटीटी का अपना महत्व है, थिएटर का अपना महत्व। कोरोना में हमें ओटीटी मिला, दोनों का अपना महत्व है। सेक्स एजुकेशन या सेफ सेक्स जैसे मुद्दे जो हम सिनेमाहाल में देखने से कतराएंगे या कतराते हैं, उसके लिए ओटीटी बेस्ट है। मुझे कई मैसेज मिले, जिसमें लोगों ने लिखा कि फिल्म देखने से पहले मुझे लगा कि बच्चों के साथ नहीं देख सकते, पर इसमें ऐसा कुछ नहीं। इसी तरह एक महिला का कमेंट था कि वो नाइट पिल्स ले रही थी, बता नहीं पा रही थी अपने दर्द को। फिल्म देखने के बाद पति को बताया। कहने का आशय ये है कि पत्नी अपनी शारीरिक पीड़ा को समझे और पति पत्नी का दर्द महसूस कर सकें। 

कंडोम के लिए इस्तेमाल होता है शब्द छतरी

छतरी कर लिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल कंडोम के लिए होता है।जैसे कहती है कि छतरी की फैक्टरी में काम करते हैं। दोनों तरीके से इसे ले सकते हैं। इस फिल्म में कोई भी डायलाग एसा नहीं है, जिसे आप परिवार के साथ सुनकर शर्म महसूस करें। सेक्स दिखाना और सेक्स एजुकेशन के बारे में बात करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं। सही तरीके से किसी चीज को सामने लाना हमारा मकसद है। इस फिल्म में मुख्य  किरदार एक कंडोम फैक्ट्री में काम करती है , जो घर पर छतरी वाली के नाम से जानी जाती है।  ऐसी फिल्में लोगों को जागरुक कर लाखों औरतों की जिन्दगी बचायेगी।

अब सेनेटरी नैपकिन छिपाने वाली चीज नहीं

पैडमैन ने सेनेटरी नैपकिन को लेकर लोगों की सोच बदली है, भले ही कुछ शहरों में। बूंद-बूंद से सागर भरता है, मेरा मानना है कि यदि मेरी फिल्म से दो-तीन लोग भी सोच बदल पाए तो हम लक्ष्य में कामयाब हो गए। रकुल प्रीत ने कहा कि सेफ सेक्स, सेक्स एजुकेशन के महत्व को समझें। हिचक छोड़ें। यदि आप अपने पार्टनर से प्यार करते हैं तो उनकी सेहत का खयाल रखे। इंडिया में यहां के अभिभावावक बच्चों के साथ टीवी का चैनल तब बदल देते हैं जब उन्हें असहज लगता है, या फिर अश्लील सीन आता है। इस फिल्म में यौन दिखाने के बजाय यौन शिक्षा दी गई है। 



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