
अब्बास अंसारी
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कासगंज जेल में विधायक अब्बास अंसारी की निगरानी में तैनात जेलकर्मियों को हर माह बदला जाएगा। जेल महकमे को आशंका है कि अब्बास जेलकर्मियों को प्रलोभन दे सकता है। ऐसे में उन्हें हर माह बदलना जरूरी है। इस पूरे प्रकरण पर आला स्तर से अब पैनी नजर रखी जा रही है।
मालूम रहे कि चित्रकूट जेल में बंद विधायक की पत्नी निकहत जेल में आकर नियमविरुद्ध उससे लगातार मिल रही थीं। जेलकर्मियों की मिलीभगत भी इस मुलाकात में सामने आए थी। निकहत को तो गिरफ्तार किया ही गया, डिप्टी जेलर समेत अन्य जेल कर्मियों पर भी गाज गिरी। बाद में अब्बास को भी चित्रकूट से कासगंज जेल भेज दिया गया। जहां उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। अब यहां निगरानी के लिए तैनात जेलकर्मियों को भी इसलिए हर माह बदलने को कहा गया है, ताकि चित्रकूट जेल जैसी कहानी यहां भी न शुरू हो जाए
माफिया को सुविधा देने वाले पुलिसकर्मी किए जा रहे चिह्नित
प्रदेश की बाकी जेलों में बंद अन्य टॉप टेन अभियुक्तों, माफिया पर भी फोकस करने को कहा गया है। पुलिस महानिदेशक जेल ने निर्देश दिए हैं कि उनकी गतिविधियों को लगातार वॉच किया जाए। जेलों में लगे जैमर दुरुस्त हों, सीसीटीवी कैमरे, डिजिटल वॉल पूरी तरह से चाक चौबंद रखी जाए। जेल में बंद मुख्तार अंसारी, खान मुबारक, विजय मिश्रा, अतुल राय, कुंटू सिंह आदि पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। साथ ही ऐसे जेलकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों को भी चिह्नित करने को कहा गया है, जो माफिया के संपर्क में हैं और जेल में ही उन्हें सुविधाएं मुहैया कराते हैं। पुलिस महानिदेशक जेल आनंद कुमार ने बताया कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होगी, जो माफिया के संपर्क में हैं और उनके लिए नियमविरुद्ध कार्य करते हैं।
अब्बास को सता रहा कुंटू का डर
कासगंज जेल जाते ही अब्बास को कुंटू सिंह का डर सताने लगा। अब्बास के भाई उमर ने सरकार को पत्र लिखकर अब्बास को किसी दूसरी जेल में शिफ्ट करने की गुहार लगाई है। उमर ने अब्बास को कासगंज जेल में ही बंद कुंटू से जान का खतरा बताया है। दरअसल, अब्बास और कुंटू की पुरानी अदावत बताई जाती है। मुख्तार और कुंटू गिरोह के सदस्य कई बार एक दूसरे पर हमला कर चुके हैं। यही कारण है कि इस समय अब्बास कासगंज जेल में भयभीत है।